Tuesday, October 13, 2020

भारत की बढ़ती जनसंख्या (Indian Overpopulation) - परिणाम और उपाय(Impact and Resolution)

 बढ़ती जनसंख्या (Indian Overpopulation) - परिणाम और उपाय(Impact and Resolution)

बढ़ती जनसंख्या (Indian Overpopulation) - परिणाम और उपाय(Impact and Resolution)

   आज भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा बसे बड़ा आबादी का देश है। जहा चीन की आबादी 144 करोड़ (1.44 billion) है, वही भारत की आबादी 138 करोड़ (1.38 billion) है। ये आंकड़े यूनाइटेड नेशन डेटा पर आधारित है। (based on Worldometer elaboration of the latest United Nations data.) भारत की जनसंख्या की रफ्तार को देख ऐसा कहा जाता है कि,2027 में भारत चीन को पीछा छोड़ दुनिया का सबसे बड़ा जनसंख्या का देश बन जायेगा। (The projections – made by the UN’s Population Division (in 2019)– suggest that by 2027, India will surpass China to become the world’s most populous country.)  अगर आप सोच रहे हो कि ये खुशी की बात है तो ठहरिये...

अत्याधिक जनसंख्या के परिणाम (Impact of Overpopulation on India)-

बढ़ती जनसंख्या (Indian Overpopulation) - परिणाम और उपाय(Impact and Resolution)

जनसंख्या बढ़ने से या आबादी बढ़ने से-

  • गरीबी बढ़ना (Increase Poverty)
  • बेरोजगारी बढ़ना (Increase Unemployment)
  • वातावरण बदलाव (Climate Change)
  • जमीन और जंगलों पर तनाव (Environmental Destructions)
  • सामाजिक प्रश्नों की जटिलता बढना ( Social and Religious Conflicts)
   इन उपर की कारणों में बढ़ावा होता है और यही भारत को पीछा लेने जाने को मजबूर कर रहे है। जनसंख्या बढ़ने के परिणाम अभी से दिख रहे है। मुंबई, दिल्ली, बंगलोर, कोलकाता जैसे बड़े शहरों के साथ पूना, जयपुर, भोपाल जैसे शहर भी अब तकलीफ झेल रहे है। लोकल ट्रेन्स की भीड़, रास्तों पर लगी लंबी कतारें, मकानों का कम होना ऐसे कई असर हो रहे है। असर तो आपको पता ही है, लेकिन आज में बताना चाहूंगा कि इस को नियंत्रित कैसे करे, कौनसा सही रास्ता होगा और कौनसा नही।

बढ़ती जनसंख्या (Indian Overpopulation) - परिणाम और उपाय(Impact and Resolution)

चीन की हम दो हमारा एक पालिसी (China's one child policy)-

   आजतक सभी लोग चीन की One Child पॉलिसी को अच्छी बता कर उसे भारत मे लागू करवाना चाहते थे। लेकिन चीन के इस कदम के वजह से आज वहा दुनिया मे सबसे ज्यादा लिंग असंतुलन पाया जाता है। 2015 में 30 साल बाद चीन ने खुद कबूल किया कि ये उनका एक गलत कदम था। जिस कारण चीन में 2004 में 122 लड़कों के मुकाबले 100 लडकिया पायी जाती थी। अगर वही भारत की बात करे तो 2011 के जनगणना के अनुसार 1000 लड़कों के मुकाबले 914 लडकिया पायी जाती है। भारत एक रूढ़िवादी देश है, जहां आज भी लड़का घर का चिराग माना जाता है। आज भी भारत मे कई जगह लड़का ही हो इसलिए गलत तरीक़े अपनाये जाते है। ऐसे अगर भारत मे एक बच्चे की पॉलिसी लागू करेंगे, तो देश मे लिंग असंतुलन में बहोत ज्यादा बढ़ावा हो सकता है। तो भारत के लिहाज से देखा जाए तो ये सही तरीका नही है।

बढ़ती जनसंख्या को रोकने का सही तरीका (True Solution to Control Population)-

   बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिये या उसे बढ़ने ना देने के लिए एक सरल और आसान तरीका है। वो है शिक्षा को बढ़ावा देना और स्वास्थ्य के लिए उपाय करना। अच्छी और ऊंची शिक्षा से परिवार को नियोजित करने की समझ आती है और अच्छे स्वास्थ्य सुविधा होने से बाल मृत्यु दर में कमी आएगी। उसको अच्छे से समझने से पहले ये जानना जरूरी है की ये चीजें असर कैसे करेगी (how will it works) ? 

  • प्रजनन दर (Fertility Rate)
बढ़ती जनसंख्या (Indian Overpopulation) - परिणाम और उपाय(Impact and Resolution)

   प्रजनन दर का मतलब है कि एक औरत अपने जीवनकाल में कितने बच्चों को जन्म देती है। किताबों के अनुसार ये दर 2 होना चाहिए, ताकी जितने मरेंगे उतने ही जन्म लेकर उनकी जगह लेंगे। लेकिन प्रैक्टिकली इसे 2.2 सही कहा जाता है। क्योंकि बाल मृत्यु की वजह से इसे प्रस्थापित कर सके। तो जो देश औसतन 2.2 दर के नजतिक रहता है, वहा जनसंख्या नियंत्रण में रहती है। ऐसे में हमे जानना होगा कि इसका शिक्षा और स्वास्थ्य से क्या संबंध है? 

(What is the Correlation between Literary rate and Fertility rate along with Health)

बढ़ती जनसंख्या (Indian Overpopulation) - परिणाम और उपाय(Impact and Resolution)

दुनियाभर में ज्यादा तर पाया गया है कि शिक्षा दर बढ़ने से प्रजनन दर कम हो जाता है। जितना ज्यादा शिक्षा का प्रचार होगा या शिक्षा अर्जित की जाएगी। उसका असर प्रजनन दर कम होने पर होता है। अगर भारत की ही बात करे तो केरल सबसे ज्यादा शिक्षित राज्य है। केरला में शिक्षा दर( Literary Rate) 100% के नजदीक है और वहा प्रजनन दर सबसे कम (1.6) है। वही दूसरी और बिहार जैसे राज्य में शिक्षा दर बहोत कम है , तो वहां पर प्रजनन दर सबसे ज्यादा है। तो अगर भारत की बात करे तो ज्यादातर राज्य अब प्रजनन दर 2.2 से कम है। लेकिन कुछ राज्यों कि वजह से ये जनसंख्या असंतुलन बना हुआ है। इसके लिए वहाँ की सरकार को शिक्षा पर ध्यान देना जरूरी है।

   ऐसे में अगर प्रजनन दर कम होता है तो भारत की जनसंख्या कम होने का खतरा भी है। क्योंकि उससे बूढ़े लोगो की तादाद बढ़ेगी और नौजवान कम हो जाएंगे। जिससे भारत की प्रगति पर असर पड़ेगा। इसलिए हम शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के ऊपर भी ध्यान देना जरूरी है। क्योंकि अच्छी स्वास्थ्य सुविधा ही बाल मृत्यु दर को कम करके जनसंख्या को नियंत्रित कर सकती है। इसके लिए हमे एक अच्छी सरकार चाहे जो इन चीजों पर ध्यान दे, ना की सिर्फ बयान बाजी औऱ अलग अलग योजनाओं में जनता को फसाये। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो सरकार काम करने का वादा करे उन्हें ही जिताया जाए और वो वादा उनसे पूरा करके लिया जाए। नही तो अगली बार आप सोच लीजिये...


   शिक्षा क्षेत्र में केरला , दिल्ली, महाराष्ट्र सरकार एक अच्छा प्रावधान करते है। उन्होंने शिक्षा की और एक अच्छा नजरिया रखा है। भारत सरकार और अन्य राज्यों को भी शिक्षा को बढ़ाने के लिए सही कदम उठाने होंगे। साथ ही में स्वास्थ्य क्षेत्र में भी एक अच्छा कदम उठाना जरूरी है।

   जाते जाते, महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) की और से की गई प्रावधानों को सराहना चाहूंगा। इस कोरोना काल मे उन्होंने एक अच्छी सरकार होने को निभाया है। बेशक उसमे कई सारी खामिया पायी जाएगी, बहोत सारे लोगो को तकलीफ भी हुई। लेकिन इन सब के बावजूद पहली बार मुख्यमंत्री बने उद्धव ठाकरे जी ने जो मुंबई शहर में कोरोना को फैलने से बचाया। वो काबिले तारीफ है। इसी के साथ महाराष्ट्र में अन्य जगहों पर भी की जा रही बहोत सारी गतिविधियों को मैं सराहना चाहूंगा। इसमें और भी अच्छा अभी भी किया जा सकता है और करना चाहिए।

   यही कहकर में आज का ये लेख समाप्त करता हु। आशा करता हु की ये आपको पसंद आया होगा, तो शेयर करे । ताकि और लोग भी इसके बारे में जान पाए।


6 comments:

  1. बहुत ही सुंदर विश्लेषण व आलेख। आवश्यकता है जनसंख्या नियंत्रण क़ानून की

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    1. धन्यवाद, लेकिन आवश्यकता शिक्षा की है। शायद आपने आवश्यकता पर ध्यान नही दिया। आशा करता हु आप एक और बार जरा गौर से पढ़ेंगे। शिक्षा के बढोत्तरी की जरूरत है। शिक्षा में बढ़ोतरी आते ही जनसंख्या भी नियंत्रित हो जाएगी।

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  2. जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून तुरंत लाया जाए और साथ ही इस देश से ये अल्पसंख्यकों के नाम से और जाति आदि के आधार पर हो रहे कुकर्मों को तुरन्त विराम देना होगा।
    देश की राजनीतिक इच्छाओं को दूर फेंक कर ही इस देश का भला हो सकेगा। आज मोदी सरकार का ऐसा हर कदम अति सराहनीय है परन्तु इन जेहादी मानसिकता वाले वामपन्थी, नक्सली, कांग्रेस जैसे दोगले दलों ने देश को किसी विस्फोटक स्थितियों पर लाने का जैसे कसम खाई हो। जनसँख्यानियंत्र आरक्षण समान नागरिकता जैसे विषयों पर पुनः आंकलन किया जाना चाहिए।

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    1. किसी भी कानून से पहले सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में काम करना होगा और साथ ही में स्वास्थ के क्षेत्र में एक अच्छी तरतूद करनी होगी। मोदी सरकार हो या पिछली कोई भी सरकार उन्होंने सिर्फ दिखावे किए है, लेकिन अभी तो seriously उन्हें काम करना होगा। बाकी के कानून अपने आप लोग सरकार से बना के लेंगे।

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  3. देख को जनशन्ख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता इतनी है जितनी फेफड़ों से बिमार व्यक्ति को शुद्ध वायु की ।

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