नमस्कार मित्रों,
आज का Topic हो सकता है सुनने में Boaring लग रहा हो, पैसों की बचत- हजारो बार आपके माता-पिता, रिश्तेदार या किसी ना किसी ने पैसे बचाने को लेकर आपको सलाह दी होगी। हो सकता है पैसे खर्च करने को लेकर आपको सुनाया गया होगा और उसके बाद एक लंबा सा Lecture देकर समझाया होगा कि पैसे क्यों बचाने चाहिए?
आपके मन ने चिल्लाकर जरूर कहा होगा कि बचपन में माता-पिता खर्च करने को लेकर पाबंदिया लगाते थे और अब जब कमाने लगे तो क्यों टोक रहे है। आपका ये सोचना दोस्तो बिल्कुल भी गलत नही है। लेकिन कभी आपने सोचा कि इतने सारे लोग बचत करने क्यो कहते है? उनकी माने तो बचत इसलिए करना चाहिए ताकि आपत्ति आने पर आपको किसी के सामने हाथ ना फैलाना पड़े। मगर ये भी सच है कि वो ही लोग आपत्ति आने पर खुद हाथ फैलाते है जो लोग आपत्ति के लिए बचत की सलाह आपको देते है। अब आपको लग सकता है कि जब वो बचत करके की हाथ फैला रहे है, तो आप अपने पैसों से मौज-मस्ती करके जब मुश्किलें आएगी तो कर्ज ले सकते है। आपकी बात सही है कि अपने कमाए पैसों का उपभोग लेना आपका हक है और इस कमाई से मौजमस्ती करने पर किसी को ऐतराज नही होना चाहिए।
मित्रों, औद्योगिक युग मे लोग कमाई को मौजमस्ती के लिए लुटाते थे और जब रिटायरमेंट होती तो बाकी जिंदगी का खर्च कंपनी उठा लेती थी। उस वक़्त कमाई को मस्ती में उड़ाना मायने नही रखता लेकिन आज के इन्फॉर्मेशन युग मे ये आदते आपको जीते जी यातनायें देगी। सरकार/कंपनी अब हमें पेंशन नही देती, उसकी जगह पर आपके ही कमाई से रिटायरमेंट के लिए कुछ प्रतिशत काट लेती है (PF एकाउंट) ताकि उन पैसों को आप एक उम्र के बाद निकालकर अपने खर्च चलाये। लेकिन आप पाठकों में से कितने ऐसे लोग है जिन्होंने उन पैसों को निकाला नही? आप मे से आधे लोगों ने पिछली कंपनी छोड़ते ही पैसो को निकाल लिया होगा। तो कुछ और निकालने का विचार कर रहे होंगे। इन सब बातों को देखकर आपको नही लगता कि पैसों के बचत को आदत लगानी चाहिए?
दोस्तो, आपको सलाह देने वाले माता-पिता, रिश्तेदार और दोस्त बेशक खुद आपत्ति में कर्ज लेते होंगे, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही की बचत के फायदे नही। हो सकता उन लोगो ने बचत के तरीके ठीक से अपनाये ना हो या फिर उनकी बचत की रक़म कम रही हो। अगर आप सही तरिके से बचत शुरू करेंगे और नियमितता बरतेंगे तो आपको उसका फल भी मिलेगा। आज के समय अगर आपकी कमाई के 50 प्रतिशत के हिस्से से आपके घरखर्च, कर्ज की किश्तें और सभी जरूरत खर्च पूरे होते होंगे, तो बचे हुए 50 प्रतिशत को 10-20-20 के हिस्सों में बाँटिये। 10 प्रतिशत आपके मौजमस्ती के लिए, 20 प्रतिशत आपके आपत्ति व्यवस्थापन जिसमे इन्शुरन्स और जरूरी फण्ड शामिल हो। फिर जो बचा हुआ 20 प्रतिशत है उसे आपने रिटायरमेंट के लिए रखिये। अगर इस बचत योजना को आप फॉलो करंगे तो आपको आपत्ति व्यवस्थापन और रिटायरमेंट की तकलीफों से काफी राहत मिलेगी।
मित्रों, हो सकता है 50-10-20-20 का ये फॉर्मूला सबके लिए कारीगर साबित ना हो। आज आप मे से कई लोगों की कमाई कम होगी लेकिन अगर आपको खुशहाल जिंदगी जीना है तो 80-10-10 फॉर्मूला अपनाना ही होगा। जहां आपके सारे खर्चे 80 प्रतिशत में ही होने चाहिए। बाकी 10 प्रतिशत आप मौजमस्ती के लिए रखिये और 10 प्रतिशत आपके आपत्ति व्यवस्थापन के लिए। यहाँ एक बात आपको समझाना चाहूंगा कि 10 प्रतिशत आप जो मौजमस्ती के लिए रखेंगे, वो तब ही रखिये जब आपकी दाता कंपनी से आपको PF(प्रोविडेंट फंड) की सुविधा देती हो। अन्यथा आपके मौजमस्ती और सभी घर खर्चे 80 प्रतिशत में ही होने चाहिये। बाकी 10-10 आपत्ति व्यवस्थापन और रिटायरमेंट व्यवस्थापन के लिए बचत में जाएंगे।
दोस्तों, यहा तक तो बचत के तरीके आपने समझे और उसकी जरूरत भी, लेकिन बचाये पैसो को कही तो रखना होगा। पैसो को जमा रखने के कई उपाय है- बैंक FD/RD, बचत खाता, बचत संस्थाएं जैसे LIC, म्युचुअल फण्ड, शेअर बाजार के बॉन्ड या कंपनी निवेश और सोने में भी निवेश करके रख सकते है। बचत की जमा को कहा रखना है उसका चुनाव भी बहोत जरूरी होता है। उसके लिए आपको मेरे अगले ब्लॉग का इंतजार करना होगा। वहा हम इस पर विस्तारित रूप में समझेंगे।
आशा करता हु आपको लेख पसंद आया होगा। आपके विचार मुझे जरूर बताएं औऱ कुछ सवाल होंगे तो जरूर कॉमेंट में लिखिए। तब तक-